‘कूड़ेदान में बचपन’ लोकार्पित Book Release In Nagpur





नागपुर। 27 अक्तूबर, 2016। लोकमत भवन की आर्ट गैलरी में राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय की हिंदी विभाग अध्यक्ष डॉ. वीणा दाढे़ की अध्यक्षता और श्री  क्षमाशंकर तिवारी द्वारा संचालित यशस्वी युवा लेखक रवि शुक्ला की पुस्तक ‘कूड़ेदान में बचपन’ के लोकार्पण समारोह में राज्यसभा के पूर्व सदस्य और लोकमत पत्र समूह के एडिटोरियल बोर्ड के चेयरमैन श्री विजय दर्डा के अतिरिक्त नई दिल्ली से प्रकाशित राष्ट्र-किंकर के संपादक डा. विनोद बब्बर, नागपुर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के प्राध्यापक डॉ. मनोज पांडेय, दिल्ली पब्लिक स्कूल के संचालक 



श्री गौतम राजगढिया तथा नागपुर के साहित्यप्रेमी एवं अनेक अन्य गणमान्य नागरिकों ने भाग लेकर उदीयमान लेखक को अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की।
अपनी प्रस्तावना प्रस्तुत करते हुए युवा लेखक रवि शुक्ला ने उन परिस्थितियों का उल्लेख किया जिन्होंने उनकी संवेदनाओं को लेखनी उठाने के लिए बाध्य किया।
अपने उद्गार व्यक्त करते हुए श्री विजय दर्डा ने कहा, ‘बच्चों की दुर्दशा पर लंबे समय से लेखन किया जाता रहा है। पुराने समय से लेकर आज तक देश के कई शहरों में बच्चों को बडी दुर्दशा में देखा गया है। दरअसल बच्चों की दुर्दशा एक बहुत ही संवेदनशील विषय है।  इस पर बहुत सारी कहानियां लिखी गई हैं लेकिन यह हमारी सरकारों और समाज की विफलता है कि हालत जस की तस है।’
डॉ. मनोज पांडेय ने अपने छात्र रहे रवि की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए पुस्तक के विभिन्न पक्षों की चर्चा की। उनके अनुसार, ‘इसमें अनेक गलतियां छूट गई। इसे और बेहतर बनाया जा सकता था लेकिन जल्दबाजी के कारण ऐसा संभव नहीं हुआ।’ 
अपने शिक्षक सहयोगी ओर इस पुस्तक कें लेखक रवि शुक्ला को बधाई देते हुए दिल्ली पब्लिक स्कूल के संचालक श्री राजगढिया ने उनकी बहुमुखी प्रतिभा की सराहना की।
राष्ट्र-किंकर संपादक श्री विनोद बब्बर ने प्रथम पुस्तक पर इतने अच्छी प्रतिक्रिया आने पर ‘उसने चुपके से भेजा था गुलाब! लेकिन खुश्बु ने सारे शहर में कोहराम कर दिया!!’ से अपनी बात आरंभ की। उनके अनुसार सूर्यादय का स्वागत करने वाले समाज में प्रथम कृति का भी सदैव स्वागत होना ही चाहिए। सुधार की गुंजाइश भी सदैव रहती है। मात्र 27 की आयु में विभिन्न समसामकि विषयों पर संवेदनात्मक स्पर्श करती कहानियां का प्रथम संग्रह प्रकाशित  होना सुनहरे भविष्य की आहट है। उन्होंने रवि शुक्ला को लेखकीय सम्मान के रूप में एक कलम और मोतियों की माला भेंट की।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ. वीणा दाढे ने अपने शिष्य रहे रवि की इस उपलब्धि को अपने लिए गर्व का विषय बताते हुए पुस्तक के अनेक महत्वपूर्ण संवादों को उदधृत किया। सर्वश्री संकेत हजारे, अमित पांडेय, हितेश डोर्लिकरके सक्रिय सहयोग से आयोजित इस गरिमपूर्ण कार्यक्रम में आभार प्रदर्शन नेहा हूड ने किया। 


‘कूड़ेदान में बचपन’ लोकार्पित Book Release In Nagpur ‘कूड़ेदान में बचपन’ लोकार्पित Book Release In Nagpur Reviewed by rashtra kinkar on 23:55 Rating: 5

No comments