होली स्पैशल एक्सक्लुसिव इन्टरव्यू!

 आजकल, हर टीवी चैनल पर आपको परेशान करने वाली बातें बताई जा रही हैं, जैसे सुबह, जल्दी उठो, सैर करो, योग आसन और ध्यान आदि करो। अब, आप ही बताओ, सुबह की प्यारी-प्यारी नींद को छोड़ कर, सुनहरे सपनांे को तोड़कर अपने हाथ-पांवों को तकलीफ देना कहां की समझदारी है? ये योग वाले आपको परेशान तो करते ही हैं और अब उस पर भी कहा यह जाता है कि इन आसनों को करने से आपका बदन छरहरा रहेगा, वजन घटेगा। कमाल की बात है कि दुनिया मोटे-ताजे आदमी से डरती है और ये हमें पतला होने के लिए कहते हैं। अब बहुत हो चुके उल्टे-सीधे आसन। इस बार हमने श्री श्री 144 घसीटाराम जी को उनके कीमती सुझावों के लिए आमंत्रित किया है। आइए देखे क्या कहते हैं जनाब-
 घसीटाराम जी, आपकी दृष्टि में योग क्या है?
- देखिये, आप लोगों को आज तक गलत पट्टी पढ़ाई गई है। उसे भूल जाओ और मेरी बात अपने भेजे में एरलडाइट से सेट कर लो। योग का अर्थ है जोड़ना, जोड़ने से सब कुछ बढ़ता है। हम जो योगासन आपको बतायेंगे, उससे आपका सब कुछ बढ़ेगा।
क्या आपके आसन कुछ अलग तरह के हैं?
- बिल्कुल, चक्कर यह है कि लोग कहते हैं कि पार्क में जाकर योग करो। हमारे आसन आप घर पर डाइनिंग टेबल पर ही कर सकतेे हैं।
 आश्चर्य है, आप तो बिल्कुल सहज योग सिखाते हैं। फिर, देरी किस बात कीं? दो-चार आसन हमारे पाठकों को भी बता ही दंे।
-सबसे पहले, मैं आपको ‘सर्वग्राही आसन‘ के बारे में बताता हूं। इस आसन को शुरू करने से पहले आपको अपनी पत्नी की मदद अवश्य लेनी पड़ेगी। अपनी डाईनिग टेबल पर खाने की चीजों से भरी आठ-दस प्लेटें लगाओ। फिर एक कुर्सी पर बैठ जाओ। अब शुरू होता है सर्वग्राही आसन। लम्बा साँस छोडते हुए अपना हाथ धीरे-धीरे प्लेट पर सामने रखी हुई वस्तु तक ले जाओ, मु़ट्ठी भरो और उसी हाथ को धीरे-धीरे प्यार से अपने मुंँह तक ले जाओ। सामान मँुंह में डालो और हाथ को फिर से पहले वाली मुद्रा में यानी फिर से प्लेट  के पास। इस आसन को सभी प्लेटें खाली होने तक जारी रखना है। यह आसन दिन में 8 से 10 बार करना चाहिए क्योंकि इससे कम आसन करने पर भरपूर लाभ नहीं मिल पाता।
वेरी गुड, इस आसन से क्या-क्या लाभ होते हैं?
-आप लोग रहोगे बेवकूफ के बेवकूफ ही। पहले सावधानियों के बारे में पूछा जाना चाहिए था। तो सुनो- आपको यह आसन किसी के सामने करने से बचना है क्योंकि ऐसे लोगों की कमी नहीं है जो आपकी इस योग-भावना से जलते हों और आपकी साधना को भंग करने के लिए इस श्रेष्ठ आसन में कमी बतायें, आपको इस आसन का अभ्यास नित्य प्रति बढ़ाना है।ं
हाँ, तो इसके लाभ भी सुन लो- यह आसन बेरोजगारी दूर करने में सहायक है।
योग और बेरोजगारी ? कुछ समझा नहीं, महाराज!
- मुझे पहले-ही पता था कि आप लोगांे की समझदानी बहुत छोटी है, कभी ऐसे आसन करो तो तुम्हारी समझदानी भी मच्छरदानी की तरह लम्बी चौड़ी हो जाएगी। योग का रोजगार-वृद्धि से बहुत गहरा ताल्लुक है। जब आप नियमित रूप से सर्वग्राही आसन करोगे, तो आपको एक कदम चलने के लिए भी रिक्शा की जरूरत पड़ेगी। इससे रिक्शा वालों का रोजगार बढ़ेगा या नहीं? फिर खून टैस्ट, ई.सी.जी., अल्ट्रासाउंड आदि करवा कर इन योगासनों से प्राप्त होने वाले प्रभावों की पुष्टि भी तो करनी होगी, इससे डाक्टरों, नर्सिंग होमों और पैथोलोजिकल लैब वालों का भी भला होगा या नही। याद रखो, ंइंसान की जिंदगी में कुछ मौके ही ऐसे होते हैं, जब वह अपनी सम्पन्नता दिखा सकता है, शान बना सकता है। फिर, आज के युग में खाँसी या बुखार से आपका स्टेटस मेनटेन कैसे रहेगा? भैया, यह हाई टैक युग है, दुनिया तरक्की कर रही है। आप अब भी वहीं चिपके रहोगे? आज बाईपास सर्जरी, और किडनी ट्रांसप्लान्ट का जमाना है, इनसे आपको दुनिया को अपनी तरक्की दिखाने का मौका मिलता है। इस आसन के यूं तो कई फायदे हैं-आपकी दिन-प्रतिदिन बढ़ती सेहत देखकर दुश्मन वैसे- ही आपसे भयभीत हो जाएगा, कोई आपसे पंगा लेने की जुर्रत नहीं करेगा। एक कान में बताने वाली बात और भी कि-जब ऐसा व्यक्ति इस दुनिया से जाएगा, तो यह कहना सचमुच सार्थक होगा कि आज धरती से बहुत बड़ा बोझ हट गया है। 
 घसीटाराम जी,  क्या किसी अन्य आसन के बारे में भी बतायेगे?
- मूर्ख बालक! एक बार में इससे ज्यादा नहीं बता सकता। लेकिन तनाव मत करो। आज तनाव ही दुनिया की सबसे बड़ी समस्या है। यदि तनाव से बचना चाहते हो तो मेरा एक मंत्र अपने मन में बैठा लो। इस तनाव मुक्त आसन और मंत्र को सदा गुनगुनाते रहो- साई इतना दीजिए, मेरा घर भर जाए, मैं अकेला मौज करु, दुनिया भाड़ में जाए।
क्या कुछ विशेष कहना चाहेंगे। 
- हाँ, हाँ क्यों नहीं। हमारा तो हर काम विशेष है। हर बात विशेष है।  देखना, जल्दी दुनिया मुझे ढ़ूंढ़ेगी और मैं भी टीवी चैनलों पर अपने सिद्ध आसनों और मंत्रों के बारे में बताता नज़र आऊंगा। वैसे, मेरी कई चैनल वालों से बातचीत चल रही है। फिलहाल बात लाइसैंस पर अटकी है। अभी तक हमें यमराज से अपना काम शुरू करने का लाइसेंस नहीं मिला है। लाइसेंस मिलते ही देखना, तहलका मच जाएगा और चारों ओर, मैं ही मैं नजर आऊंगा।
 जनाब, कृपया यह बताएं कि आपके नाम के आगे श्री श्री 144 क्यों है, जबकि श्री श्री 108 या 1008 का प्रचलन है
- यह राज़ की बात है। पर तुम्हे बता ही देता हूंँ। धारा 144 का अर्थ है कि एक स्थान पर 4 से अधिक लोगो के इकट्ठा होने पर मनाही, हमारे आसन करने वालों के लिए वैसे- भी एक स्थान पर  इकट्ठा होना संभव नहीें हैै। मेरे ही नहीें, मेरे हर शिष्य के नाम को श्री श्री 144 सुशोभित करेगा। 
वाह! उस्ताद आप तो पूरे उस्ताद हैं। आपका बहुत -बहुत धन्यवाद।  जाते-जाते एक सरल-सा आसन मुझे भी बताते जाएं, आपकी बातों से मैं बहुत प्रभावित हूंँ।
- शाबाश बच्चा! अब आए न लाइन पर। सर्वग्राही आसन के बाद आपको मेहनत करने से बिल्कुल परहेज करना चाहिए और इसके बाद लमलेट आसन करना चाहिए। गद्देदार पलंग पर लेटकर सर्वग्राही आसन में आज किस-किस पदार्थ का भक्षण नहीं किया, उस पर विचार अवश्य करना चाहिए ताकि अगले आसन में उन गलतियों को सुधारा जा सके। याद रखो, योग का एक ही अर्थ है जोड़ना या बढ़ना। इस संसार में आए हो, तो शरीर बढ़ाओ, चर्बी बढ़ाओ, बीमारियां बढ़ाओ, परेशानियाँ बढ़ाओ और जाते-जाते भी कुछ ऐसा कर जाओ कि तुम्हें उठाने वालों को नानी याद आ जाए। अब तो समझ गए न बच्चा कि हमारा नाम घसीटाराम क्यों हैं? जिंदगी जल्दबाजी के लिए नहीं है। इतनी बढ़ी दुनिया है तो तुम ही मेहनत करने के लिए क्यों मरे जा रहे हो। और फिर यह जरूर याद रखों- तुम पूरी दुनिया के ठेकादार नहीं हो। होली है। खाओं-पीओं पर लट्ठमार होली से बचों। रंग लगाना ही तो आराम का रंग लगाओं। हमेषा बेफ्रिकी की पिचकारी इस्तेमाल करो। ओके! ज्य होली! ज्य गुरु घसीटाराम!! अबे इसे ही पढ़ता रहेगा या कुछ खाए-पीऐगा भी। - डा. विनोद बब्बर 09868211911

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