मूर्ख सम्मेलन-2016 में विनोद बब्बर

आदरणीय अध्यक्ष जी और सभासदों!
बेशक यहां अक्ल के इस्तेमाल पर प्रतिबंध हैं लेकिन सबसे पहले तो मैं यहां लगे दो बोर्डों पर अपनी आपत्ति दर्ज कराना चाहता हूं। एक बोर्ड पर लिखा है- ‘बिकाऊ पति’ तो दूसरे पर  ‘भंगाऊ पति’ राजेन्द्र चंचल द्वारा  स्वयं को गऊ पति बताना एक तीसरे बोर्ड की संभावना को जन्म देता है। लेकिन सदर-ए- मूर्खा! ये सारे बोर्ड ‘सैकेंड हैंड लोगों के लिए है। मेरे जैसे ‘अन टच’ को सैकेंड हैंडों की श्रेणी में रखना गलत है।
(जोरदार तालियां। पीछे से आवाज आई- यहां कुछ सभासद थर्ड हैंड भी हैं!) 
मान्यवर! इस उपलब्धि के लिए आपको बधाई। आप खूब फले-फॅूले। थर्ड फंट के बाद फोर्थ और फिफ्थ, सिक्सथ,सैंवन्थ हैंड ही क्यों अनन्त हैंड हो लेकिन मैं आपकी नहीं अपनी बात कर रहा हूं। आई एक स्टिल बेचूलर! विभोर पति और बिफोर (Before) पति में तो अंतर करना ही पड़ेगा। (फिर जोरदार तालियां) 
हाँ तो सभापति जी! अब मैं असली बात पर आता हूं। आपने बताया आज जिन्हें हमारे नये मूर्खाध्यक्ष होना था वे अलील अलील ऊर्दू है तो अंग्रेजी ill) हो गये। आपका धन्यवाद कि आपने जुगाड़ कर लिया और हमें हमारा नया राजा मिल गया। मैं बधाई देता हूं बलिया से पधारे श्री अशोक द्विवेदी जी को। बलिया स्वतंत्रता आंदोलन में चोरा चोरी के लिए कारण चर्चा में आया। बलिया के चन्द्रशेखर हमारे राष्ट्राध्यक्ष बने तो आज अशोक जी के मूर्खाध्यक्ष बनने पर चोरी से अचानक मुखिया बनने की परम्परा का विस्तार हुआ है। उन्हें और पूरे बलिया को इस उपलब्धि के लिए बधाई लेकिन हमारे लिए लौंग लत्ता की व्यवस्था करना अब आपकी जिम्मेवारी है।
मैं निवर्तमान मूर्खाध्यक्ष डा. परिचयदास जी हिन्दी अकादमी के सचिव रहे हैं। उनके कवि, निबंधकार को नमन।  माननीय परिचयदास जी हिन्दी के जाने-माने सााहित्यकार है। के कार्यकाल की विशेष उपलब्धियों के लिए उन्हें भी हृदय की गहराईयों से बधाई दूंगा। आप सभी को सूचित करना चाहता हूं कि पिछले एक वर्ष में अंग्रेजी वाक्यों में भी एक दो हिन्दी शब्दों का प्रयोग शुरु हुआ है। बानगी के रूप में देखे- ‘भाईयों और बहनों! मेक इन इण्डिया का स्टार्टअप करके  ही हम स्किल इण्डिया बना सकते हैं।’ अब ड्राप और क्राप के बीच अंग्रेजी के एण्ड की बजाय ‘और’ लगने लगा है। दिल्ली मैट्रो में लगा एक बोर्ड  परिचयदास के कार्यकाल में हिन्दी का भाव बढ़ने का प्रमाण है। इस बोर्ड पर हिन्दी में लिखा है- थूकने पर 500रु जुर्माना। जबकि अंग्रेजी  में जुर्माना राशि 250 लिखी है। ऐसी अनेक और उपलब्धियां भी हैं या हो सकती है। कोटिशः बधाईयां! जय हिन्दी! जय हिन्द! 

अब बात की जाये होली की। होली पर कान्हा और राधा का उल्लेख होता है। बृंदावन और बरसाने की होली मश्हूर हैं। आश्चर्य है कि दुनिया बदल गई लेकिन अब भी पुराना ढर्रा चल रहा है। क्षमा के साथ कुछ बदलाव प्रस्तुत है-


हाई टेक राधा हुई, होवत खूब धमाल।
फेसबुक कान्हा छिपे? व्हाट्सअप उड़त गुलाल।।

मौसम तो मो-सम हुआ, धरकर छलिया वेश।
राधा पिचकारी लिए, कान्हा ओढ़े खेस।।

राधा होली श्याम की, मोहे न बूझत कोय।
‘किंकर’ मन कैसे रंगू, सखी बता दे मोय।।

हुरियारों की भीड़ में, विचरत नंद के लाल।
अंतर सारे मिट गए, एक हैं ग्वाल-गोपाल।।

बरस बरस रे बावरे, अब बरसन की बार।
बरसो होली बेरुखी, अब बरसा दे प्यार।।

रंग रंगीले खुशनुमा माहौल को खराब करने वालो की कोशिश पर कहना चाहता हूं-
काले कड़वे छोड़ के, रंग बसंती घोल।
कोयल जैसी कूक से, बढ़ा ले अपना मोल।।

हैदराबादी बिरयानी के कंकड को समर्पित है ये दोहा-
नफरत के व्यापार पर, जो हैं मालामाल।
जय भारत की बोलकर, काहे हो कंगाल।।

दिल्ली में रहकर दिल्ली की बात न करें, यह कैसे संभव है। आजादी में सांस लेकर आजादी की बात करने वालों के नाम पैगाम-
कौन ग्रन्थ पढ़ आए हो, या संगत का रंग।
आजादी से आजादी, मतलब समझो यंग।।

कल रात आपने खूबे पटाखें फोड़े।  हमारी तोपों की सलामी भी स्वीकार करें- 
धर्मशाला सें दुबक कर, पहुंचे इडन बाग।
कोहली ने ऐसा रंगा, पाकी दागम-दाग।।

पिछले 32 वर्षों से अच्छों-अच्छों को मूर्खता का ताज पहनाने वाले डा’ रमाशंकर श्रीवास्तव जी की शान में कहना चाहता हूं-
शंकर बाबू घोेलते, वीना जी छोंक लगाय।
मूर्ख मंडली जोश से, पुए कटहल उड़ाय।।

चार दिना की जिन्दगी, क्षणभर हैं त्यौहार।
रंग ऐसे में रंग चलो, याद रखें संसार।।

बहुत-बहुत धन्यवाद! होली की शुभकामनाएं!
भारत माता की जय! सभी भारतीय भाषाएं जिन्दाबाद!
विनोद बब्बर 9868211911 
दिनांक 20 मार्च, 2016 सायं 7 बजे

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