बटुये में दाम होने दो! Speacial For New Year



सुना है नया साल आ गया है। आ ही गया है तो स्वागत। हम हर नये का स्वागत करने वाले लोग है। यह बात अलग है कि नौ दिन बाद नये को पुराना मान लेते है। लेकिन इसका मतलब यह भी नहीं कि हमारे यहां पुराने की कदर नहीं है। यकीन न हो तो अपने ही घर में देख लो। आपको लाख पिज्जा पसंद हो पर पुरानी कड़ाई अब तक फेंकी तो नहीं है आपने। जो मजा कड़ाई के व्यंजनों में है वो उस मुये में कहां जो है तो ‘सोलिड’ पर खाजा की बजाय पिजा कहलाता है। 
एक पिज्जा प्रेमी से पूछने पर उसने उत्तर दिया, ‘अरे चचा, ये सब तो हम टैस्ट टेस्ट करने के लिए मंगवाते है। हमारी दादी की रसोई के सामने उस डिलिवरी मैन की क्या बिसात?’
बात अंदर से कही या ऊपर से, नहीं जानता पर बच्चे ने दिल खुश कर दिया। दिल हुआ कि उसे कुछ इनाम फिनाम दिया जाये पर वो क्या है कि आजकल लेन-देन ऑन लाइन है। पुराने वाले चलते नहीं और नये वाले थोड़ा नखरा दिखाते हुए जरा धीमी चाल से चल रहे है। वैसे वे तिजोरियों तक आसानी से पहुंच जाते है क्योंकि शानदार गाड़ी और बढ़िया रोड हो तो फर्र से रास्ता तय हो जाता है पर पंगड़डी  पर चलते हुए गरीब की झोपड़ी तक का रास्ता अभी नया क्या जाने? थोड़ा समय लगेगा, धैर्य बनाये रखिये। ‘यू आर इन क्यू, प्लीज वैट!’
इतना भी नहीं समझते कि नया आते ही दौड़ने नहीं लगता है। नई बहू भी कुछ दिन तक ठुमक-ठुमक कर ही चलती है। बाद में क्या होता है इसकी चर्चा नये साल के स्वागत में मना है। इसलिए पहले वही बात जो स्वागत के मौके पर कही जाती है। हां तो भाईयों और बहनों! जो नया है वह आगे आ जाये। पहले उसी का स्वागत होगा।  स्वागत का हमारा अपना अंदाज है। माथे तिलक लगेगा, पुष्प वर्षा होगी। पुष्पम्,  पत्रम्, सुगंधम्, के साथ मिष्ठानम् भी स्मरप्यामी। 
क्या कहा, मिष्ठानम् वर्जितम्?
हाँ साहब, मिष्ठान से मधुमेह होता है। मधुमेह में मीठा नहीं, कड़वा चलता है। आजकल की पीढ़ी शूगर के प्रति बहुत ‘कॉन्शस’ है इसलिए बिना शूगर के भी कड़वा ही .....!
तो इसका मतलब यह हुआ कि अब नये का स्वागत भी नये तरीके से करना पड़ेगा। 
अब यहीं खराबी है कि हर काम को आप अपने ढ़ंग परम्परागत से कराना चाहते है। अरे चचा, कम्प्यूटर का जमाना है। अब तो तुहार मुखिया जी भी ई-पाकेटवा पे जोर दे रहे हैं और तुम हो कि नये का स्वागत हाईवे छोड़ पगड़ंडी पर करवाना चाहते है। इतना भी नहीं समझते कि हाईवे पर स्वागत का हर सामान मौजूद है। अरे फिलहाल तो वह भी है उसे हटाने का आर्डर कोर्टवा दी है। अब कोई पूछे इन कानून के जानकारों से जिंदगी जीने का सलीका आप सिखायेंगे क्या? ठीक है सिखाईये, सिखाईये जरूर सिखाईये। पर नये साल का स्वागत करने के लिए हाईवे छोड़ दे क्या? तनी समझिये। ऑन लाईन के जमाने में पंगड़ी नहीं, हाईवे ही चलेगा।
अरे जब हाईवे पर हम हैं, होटल है, मोटल है, रिसोर्ट है, पैट्रोल पम्प है, गाड़ियों की भीड़ है तो वो क्या कहते है उसे वो वहां से पांच सौ मीटर दूर कहे जी? और फिर बहुत से हमारे भाई तो इधर में पहली बार ही गुजर रहे है मीन्स नये है। क्या उन्हें उस पगडंडी पर चलाओंगे जहां नया नोट भी धीरे चलता है। 
अरे काहे बच्चांे पर जुल्म ढाते हो जी? चार दिन की जिंदगी है मौज करने दो। मनाने दो नया साल। कभी नये यार के साथ तो कभी नई फ्रेन्ड के साथ।  
जब ये-वे मना सकतेे है तो हम आपको भी क्यों रोके। आप भी बहुत प्रेम से मनाओं। प्रेम के साथ मनाओं। प्रेम के बिना मनाओं। प्रेम के बावजूद  मनाओं। नया मनाओं, पुराना मनाओं। जो चाहे मनाओं, जैसे चाहे मनाओं लेकिन रूसने मनाने का सिलसिला शुरु करने से पहले एक बार हमारी बात जरूर सुन लेना। हाँ वरना पछताना पड़ सकता है।
वो क्या है कि हमने पिछले कुछ सालों में अपने मित्रों के व्यवहार और परिणामो पर शोध किया है। बेशक आप भी हमारे मित्र हैं पर आप अंदर की बात नहीं जानते। इसलिए इस ताजा शोध की मुख्य बातें आप से शेयर करना हम अपना फर्ज समझता हूं। तनी सब काम छोड़कर इधर ध्यान दिया जाये-
1- नये साल के दिन जिन मित्रों ने हमें हल्दीराम का गिफ्ट पैक भिजवाया उन्हें सालभर में प्रमोशन सहित अनेक रिटर्न गिफ्ट भगवान ने दिये।
2- एक खाते-पीते मित्र जो गिफ्ट भेजने में विश्वास नहीं करते थे उन्होंने सीधे हमारे खाते में छ अंकों की राशि हस्तांतरित कर दी। (अंगुली पे छ की गिनती न करते हुए काम की बात पर ध्यान दिया)  उनका अस्पताल का बिल काफी कम हो गया।
3- एक व्यापारी मित्र ने साल के पहले ही दिन पश्मीना ‘शाल’ भेंट की। उनके बेटे का यूएस का वीजा लग गया।
4- एक सज्जन ने हमारी विदेश यात्रा प्रायोजित की। एक पार्टी की तीनों सूचियों में उनका नाम आया मीन्स हर विवाद के बावजूद उन्हें उम्मीदवार बनाया ही गया।
5- एक कंजूस मित्र ने हमारे महत्व को स्वीकार न करते हुए केवल  फ्राई काजू पिस्ता ही भिजवाये। उसके दुकान पर वैट अधिकारियों की रैड हुई।
6- एक महाकंजूस ने साधारण थ्री स्टार होटल में डिनर कराया। उसे सरकार ठेकेदारी से वंचित होना पड़ा। सारा साल बहुत पछताता रहा बेचारा।
7- एक दोस्त ने ‘लाटो’ जूते और ‘राडो’ घड़ी भेंट किये। उसे बहुत मोटा आर्डर प्राप्त हुआ।
8- एक साहब ने जानबूझ कर पुराने नोटों का बोरा भिजवाया। वे खुद तो अंदर हुए ही हमारे यहां भी जांच अधिकारी पहुंच गये। लेकिन  आप सबके गिफ्ट काम में आ गये और हम आपकी भलाई के लिए सुरक्षित है।
9-एक भक्त ने सोने की घडी गिफ्ट की। भगवान की कृपा से वह आज  एक करोड़पति का दामाद है।
10-  फ्री वाई फाई का गिफ्ट देकर वापस लने वाले एक अमित्र की वाइफ की नौकरी चली गईं।
11-जिन जिन मित्रों ने हमारी चमत्कारी शक्तियों का मजाक उड़ाया। उन सब पर हरी, लाल, पीली हर तरह की चटनी खाने के बावजूद कृपा रूकी रही। 
नया साल आप जरूर मनाये लेकिन सारा साल कैसा चाहते हो, यह तय करना अब आपके हाथ में। उपाय बता दिया है। फैसला आपको करना है। गर सही रास्ते पर चलोगे तो आप पर  कृपा बनी रहेगी। वरना तुम भी आलू की फैक्ट्री लगाकर खटिया पर चर्चा करते रहना। 
अंत में एक राज की बात भी बता दूं कि अपुन तो वादे से भी निहाल हो जाते है। एक ने बैंक खाते में पन्द्रह जमा कराने का वादा किया तो हमारी सिफारिश पर ऊपर वाले ने उसे सबसे बड़ी गद्दी दे दी। काम का बोझ बड़ गया। बहुत अंदर बाहर आना जाना पड़ता है बेचारे को। इसलिए फिलहाल थोड़ा बिजी है। फुर्सत पाते ही जरुर सोचेगा।
खैर वह जब सोचेगा तब सोचेगा, आप अपने बारे में सोचिये। फौरन सोचिये। अपना काम था आपको सावधान करना। सो कर दिया, आगे आपकी मर्जी। 
एक बार फिर सोच लो-
डूबा नहीं है सूरज जरा सी शाम होने दो।
खुद लौट आयेगा, जरा नाकाम  होने दो।
उसे बदनाम करने के बहाने ढूंढ़ेगी दुनिया, 
मेरे दर पे आयेगा, बटुये में दाम होने दो।
 विनोद बब्बर संपर्क-   09868211911, 7892170421  rashtrakinkar@gmail.com


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