विनायक विद्यापीठ भीलवाड़ा में राष्ट्र-किंकर संपादक को स्वामी ज्ञान अर्पितम् अवार्ड



भीलवाड़ा के विनायक विद्यापीठ में आयोजित एक भव्य समारोह में करोई  महाराज शिवदान सिंह के जन्म दिवस के अवसर पर विनायक विद्यापीठ के अधिष्ठाता डॉ. देवेन्द्र कुमावत के प्रथम शिक्षक स्वामी ज्ञान अर्पितम् की स्मृति स्थापित अवार्ड, राष्ट्र-किंकर के संपादक  विनोद बब्बर को प्रदान किया गया। हिमतनगर गुजरात के स्वामी गाोरागंशरण देवाचार्य की अध्यक्षता में आयोजित इस समारोह में करोई के महाराज शिवदान सिंह, आचार्य लघु एवं मध्यम समाचारपत्रों की राष्टीªय संस्था के महामंत्री श्री  अशोक चतुर्वेदी, ई टीवी के श्री अनिल लोढा, क्षेत्र के नवनिर्वाचित विधायक श्री बी.एल.चौधरी ने विनोद बब्बर को शाल, श्रीफल, भव्य स्मृति चिन्ह, ग्यारह हजार की नकद राशि प्रदान करते हुए भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार में उनके द्वारा किए जा रहे योगदान को सराहा। इस समारोह में सैंकड़ों साहित्य, कला, संस्कृति प्रेमी विद्वत जनों के अतिरिक्त बहुचर्चित टीवी सीरियल महाभारत के दुर्योधन तथा करोई निवासी अर्पित रांका भी उपस्थित थे।

विद्यापीठ की ओर से स्वागत गान, बालिका अवन्तिका व्यास द्वारा प्रस्तुत भावपूर्ण गीत, अतिथियों को शल, मारवाड़ी पाग और पुष्पमाला से स्वागत के पश्चात  विनायक विद्यापीठ के अधिष्ठाता डॉ. देवेन्द्र कुमावत ने अपने प्रथम शिक्षक स्वामी ज्ञान अर्पितम् की स्मृति को प्रणाम करते हुए अनेक संस्मरण सुनाए। डॉ. कुमावत ने करोई नरेश के अपना एवं सम्पूर्ण क्षेत्र का संरक्षक बताते हुए उनकेें जन्म दिवस को विद्यापीठ का स्थायी उत्सव बताया। कार्यक्रम का विद्वता पूर्ण कुशलता से संचालन करते हुए अशोक व्यास ने चरित्रवान शिक्षक को विचारवान रचना-संसार का प्रतीक एवं समाज निर्माता बताया। भीलवाड़ा जिले के आधुनिक मनीषी स्वामी ज्ञान अर्पितम् की पावन स्मृति में दिए जाने वाले इस सम्मान व राष्ट्र- किंकर संपादक को भारत की गौरवशाली परम्परा का वाहक बताया।
सभी वक्ताओं ने विनायक विद्यापीठ के वातावरण, उसकी प्राथमिकताओं से स्वयं को जोड़ते हुए डॉ. देवेन्द्र कुमावत की भूरि-भूरि प्रशंसा की। इस सम्मान के योग्य समझे जाने पर आभार व्यक्त करते हुए विनोद बब्बर ने मेवाड़ की शौर्य, बलिदान, दान, ज्ञान की परम्परा के विश्व व्यापी प्रभावों का चित्रण प्रस्तुत किया। समारोह अध्यक्ष स्वामी गौरांग शरण देवाचार्य ने मेवाड़ के महान सपूतो राष्ट्र गौरव महाराणा प्रताप, मीरा, पन्ना धाय, भामाशाह, दुर्गावती, हाड़ा रानी द्वारा स्थापित उच्च आदर्शो की विस्तार से चर्चा करते हुए देवेन्द्र कुमावत को इन आदर्शों का वर्तमान भगीरथ बताया। इस समोराह की एक अन्य आकर्षण देवबंद के स्वर्गीय डा. महेन्द्रपाल काम्बोज द्वारा  महाराणा के व्यक्तित्व और कृतित्व पर रचित ग्रन्थ ‘गाथा स्वाभिमान की’ की प्रथम प्रति महाराणा प्रताप के वंशज महाराज शिवदान सिंह जी को काम्बोज जी के पुत्र नीरज काम्बोज एवं दामाद संजीव भेंट कर उनकी अंतिम इच्छा पूर्ण करना रहा। संस्था ने काम्बोज जी के प्रतिनिधि के रूप में उन्हें सम्मानित भी किया। समारोह की समाप्ति पर परम्परागत राजस्थानी दाल बाटी, कढ़ी, चूरमा, राब जैसे व्यंजनों वाले प्रीति भोज का आनंद भी देश और प्रांत के विभिन्न भागों से संस्कृति प्रेमियों ने लिया।
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